Category : बोलते तारे | Sub Category : ग्रहों की चाल Posted on 2020-05-18 17:43:54
कोरोना महामारी : भारत में तांडव मचाती रही है शनि-मंगल की युति
मोहित पाराशर
मेदिनी ज्योतिष में स्पष्ट कहा गया है कि शनि या राहु युत मंगल भयावह परिणाम देता है, जिसमें युद्ध, बगावत, भूचाल, महामारी, वैधानिक कलह और आतंकी घटनाएं शामिल हैं। 22 मार्च के बाद मंगल के मकर राशि में प्रवेश और मकर राशि में पहले से मौजूद शनि के गोचर भी यही संकेत जाहिर होते हैं। इसी दिन से देश में कोरोना महामारी की तीव्रता बढ़ने के संकेत मिले और इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 21 दिन यानी 14 अप्रैल तक लॉकडाउन का एलान किया। खास बात यह है कि शनि-मंगल की युति को इतना अशुभ माना जाता है कि भारत के कई राजा भी इससे खौफ खाते थे।
मुगल शासक भी इस युति से खाता था खौफ
मुगल शासक जहांगीर के शासन पर लिखी गई जहांगीरनामा में भी इस युति का कुछ इस तरह उल्लेख है “क्योंकि शनि और मंगल दो अशुभ ग्रहों की युति हो चुकी है, इसलिए मैंने पूरे राज्य में गरीबों और जरूरतमंदों के बीच सोना, चांदी, अन्य धातुएं और सभी प्रकार के अनाज बांटने (भिक्षा के रूप में) आज्ञा दे दी है।”
21.03.1739 में नादिरशाह का हमला और दिल्ली में सामूहिक नरसंहार
यह भारत के इतिहास के खौफनाक दिनों में से एक है। नादिरशाह इस दिन चांदनी चौक की स्वर्ण मस्जिद पर चढ़ गया और कत्लेआम का आदेश दे दिया था। यह कत्लेआम सुबह शुरू हुआ था और सैनिकों ने दुकानों और घरों में घुस-घुसकर मारकाट की। उन्होंने लूटपाट में भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी। पुरुष, महिलाओं, बच्चों और बूढ़ों किसी को भी नहीं बख्शा गया। इस दिन वक्री शनि और मंगल मिथुन राशि में गोचर कर रहे थे।
1984 ऑपरेशन ब्लूस्टार
भारतीय सेना स्वर्ण मंदिर में घुसी और ऑपरेशन को अंजाम दिया। उस समय शनि और मंगल भारत की वृष राशि की कुंडली में छठे भाव में गोचर कर रहे थे। इसे स्वतंत्र भारत के इतिहास के सबसे काले दिनों में गिना जाता है। इस दिन सेना सिखों के पवित्र स्थान में घुसी और हजारों सिखों का कत्लेआम किया। इसके बाद शुरू हुए आतंकवाद के दौर को खत्म करने में भारत सरकार को लंबा समय लग गया।