इस विदेशी फूल की है भारत में बहुुत डिमांड, बिजनेस कर करें अच्‍छी कमाई

Category : मौके | Sub Category : बिजनेस Posted on 2020-09-24 12:52:15


इस विदेशी फूल की है भारत में बहुुत डिमांड, बिजनेस कर करें अच्‍छी कमाई

कम लागत में लगातार कमाई का जरिया तलाश रहे हैं तो फूलों का बिजनेस आपके लिए एक अच्‍छा विकल्‍प हो सकती है। इसमें भी जरबेरा नाम की प्रमुख विदेशी किस्‍म आपको मालामाल बना सकती है। जरबेरा के एक फूल की कीमत ही अन्‍य किस्‍मों के फूलों से कई गुना होती है। एक एकड़ जरबेरा की खेती से ही आप 5 से 6 लाख रुपए सालाना तक कमा सकते हैं।


शुरूआत में करना 2 से 3 लाख रुपए होगा इन्वे्स्‍टमेंट


जरबेरा के फूलों की खेती के लिए शुरुआत में 2 से 3 लाख रुपए का इन्वे्स्‍ट करना होगा। यह खर्च बीज, पॉलीहाउस और इरीगेशन सिस्‍टम की खरीद के लिए करना होगा। इसके बाद जरबेरा के प्‍लांटेशन और मजदूरी पर खर्च भी इसमें शामिल है।


जानिए कब शुरू करें खेती फसल तैयार...


किसी भी समय शुरू कर सकते हैं खेती जरबेरा को पॉलीहाउस में लगाया जाता है। इसलिए इसकी खेती किसी भी मौसम में शुरू की जा सकती है। लेकिन, वसंत ऋतु इसी खेती के लिए उत्तम माना जाता है। एक बार लगाया गया पौधा करीब ढाई साल तक चलता है। इसकी खेती में समय-समय पर पानी की मात्रा का विशेष ध्यान रखनाच चाहिए। पौधे में ज्यादा नमी रहने से फूल तोडे जाने के बाद यह लंबा चलता है। 


जानिए कितने दिनों में आती है फसल...

3 महीने बाद शुरू हो जाती है फसल जरबेरा के पौधे पर फूल पौधा रोपे जाने के 3 महीने बाद ही आने शुरू हो जाते हैं। आंकलन के अनुसार प्रति वर्ग मीटर में लगाए गए पौधों से प्रति वर्ष 300 से 400 फूल प्राप्त होते हैं। इन फूलों को तोड़ने के बाद 3 से 4 घंटे लिए पानी में रखना चाहिए। इससे अगर इन्हें कहीं लंबे रास्ते पर भी बेचने के लिए ले जाया जाता है तो फूल मुरझाते नहीं हैं। 


जानिए कितनी होती है कमाई....

कमा सकते हैं 6 लाख रुपए साल तक अगर आप 200 वर्गमीटर में भी पॉलीहाउस में जरबेरा की खेती करते हैं तो इससे हर साल आपको करीब 60 हजार फूल प्राप्त होते हैं। इसमें से लगभग 70 से 75 फीसदी फूल यानी करीब 40000 से 22000 फूल उत्तम श्रेणी के होते हैं। इनकी बाजार में कीमत लगभग 15 रुपए से 25 रुपए तक होती है। ऐसे में अगर आप सिर्फ उत्तम श्रेणी के फूलों को ही बाजार में बेचते हैं तो कम से कम 6 लाख रुपए प्रति वर्ष आराम से कमाई हो जाएगी। 


सरकार देती है छूट....


50 से 80 फीसदी तक है अनुदान पॉलीहाउस लगाने के लिए हर राज्य के उद्यानिकी विभाग की ओर से अनुदान दिया जाता है। यह अनुदान यूपी, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में तो 50 फीसदी तक है। जबकि, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में 70 से 80 फीसदी अनुदान मिलता है। इस तरह अगर आप पॉलीहाउस पर 3 लाख रुपए खर्च करते हैं तो इसमें से कम से कम 1.5 लाख रुपए तो छूट मिल जाएगी।

आइये जानते हैं इस बिजनेस से सम्बंधित कुछ और बातें ...



दरअसल जरबेरा फूल की खेती कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. 15 कट्ठा जमीन में खेती कर 10 लाख रुपये तक कमाया जा सकता है. जमीन सामान्य से ऊंचा हो. पानी नहीं लगे. पौधा पानी नहीं सहन कर सकता है. एक बार लगाया पौधा तीन वर्ष तक फूल देगा.


खेती में मदद की चिंता भी नहीं, उद्यान विभाग पूरा सहयोग करेगा. फूल को बेहतर सीजन मिला तो एक फूल सात से दस रुपये, ऑफ सीजन है तो एक फूल तीन रुपये तक बिक जायेगा. फूल का जितना लंबा डंटल होगा, उसकी कीमत उतनी अच्छी लगेगी. फूल का उपयोग मुख्य रू प से बड़े स्टेज को सजाने व बुके में किया जाता है. सरैया प्रखंड के भटौलिया स्थित एमबीआरआइ में संस्थान के निदेशक ने इस फूल की खेती पॉलीहाउस में की है.


जरबेरा फूल रोपने की विधि


जरबेरा का पौधा रोपने से पहले बेड बनाया जाता है. बेड में सड़ा हुआ गोबर, चार किलो प्रति कट्ठे डीएपी, दो किलो पोटाश, दो किलोग्राम फॉस्फेट, ढाई सौ ग्राम फोरेट का उपयोग करना बेहतर होगा. बेड को कीट व व्याधियों से मुक्ति के लिए बेबिस्टेड दवा का घोल तैयार कर झड़ना से ट्रीटमेंट करना अच्छा होगा. फरवरी के प्रथम सप्ताह में पौधा को लगाना है. हमेशा ध्यान रखना है कि बेड की मिट्टी भुरभूरी होनी चाहिए. 15 दिन पर एनपीके पानी में डाल कर टपक सिंचाई विधि से पौधे की जड़ में दिया जाता है. फूल के डंटल की लंबाई दो से तीन फीट तक होती है. जितना लंबा डंटल होगा, उतना अधिक पैसा बाजार में मिलेगा.


उद्यान विभाग से ली मदद


पहले उद्यान विभाग में इस फूल की खेती के लिए आवेदन दिया. जमीन के कागजात के आधार आवेदन पर विभागीय अधिकारी ने जगह को देखा. फिर सात कट्ठे में खेती के लिए दो लाख पचास हजार रुपये अनुदान की स्वीकृति दी. विभाग ने एक लाख 92 हजार रुपये का छह हजार पौधा उपलब्ध कराया. 58 हजार रुपये खेती के रखरखाव के लिए दिया गया. इसमें पहली किस्त 35 हजार रुपये मिल चुकी है.


खेती के लिए जरू री संसाधन


जरबेरा का पौधा एक बार लगाने पर तीन साल तक फूल देता है. लंबाई व चौड़ाई में पौधे से पौधे की दूरी 30 सेंटीमीटर जरू री है. इस पौधे को धूप अधिक नहीं चाहिए. इसलिए पॉलीहाउस चाहिए. इसकी सिंचाई ड्रीप एरिगेशन व फौगर मशीन से संभव है. चूंकि पौधा अधिक पानी सहन नहीं करता है.


कई रंग के होते हैं जरबेरा फूल


जबरेला का फूल आठ रंगा है. लाल, हरा, नारंगी, पीला, उजला, गुलाबी, वायलेट, पर्पल रंग में उपलब्ध है. मुजफ्फरपुर के बाजार में प्रति फूल तीन रुपये मिल रहा है. लग्न में सात रुपये तक बिका है. साल में एक पौधे से तीस फूल निकलते हैं. सात कट्ठे में साल में एक लाख 80 हजार फूल निकलता है. लिहाजा, सात कट्ठा में वर्ष में पांच लाख चालीस हजार रुपये का फूल होता है. 50 हजार रुपये मेंटेनेंस पर चला जाता है. मुनाफा पांच लाख रुपये प्रति वर्ष होता है. जरबेरा में टिश्यू कल्चर का फूल बढ़िया होता है.


इसकी खेती काफी फायदेमंद है. पांच रुपये स्टीक (प्रति फूल) बिक जाता है. किसान को एक रुपये भी खेती में खर्च नहीं है. एक हजार वर्ग फीट में छह हजार पौधे चाहिए. विभाग पौधा देता है. निराई गुराई के लिए भी राशि दी जाती है.

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