इडली-डोसे के बिजनेस से मजदूर के बेटे ने खड़ी की 182 करोड़ की कंपनी, अब वड़ा बनाकर गेम बदलने की तैयारी

Category : सक्सेस स्टोरीज | Sub Category : किसान Posted on 2020-09-24 11:37:07


इडली-डोसे के बिजनेस से मजदूर के बेटे ने खड़ी की 182 करोड़ की कंपनी, अब वड़ा बनाकर गेम बदलने की तैयारी

गांव में चाय की बागान में काम करने वाले एक मजदूर ने जब अपने बेटे से भी कुली का काम करने को कहा तो बेटे के मन में मजदूर बनने का डर बैठ गया। उसी डर से उसने अपनी किस्मत खुद बनाने की सोची और आज वह 182 करोड़ से ज्यादा के टर्नओवर वाली कंपनी का मालिक है। 


हम बात कर रहे हैं आईडी फ्रेश फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक पीसी मुस्तफा की। मुस्तफा ने इडली और डोसा के लिए बैटर बनाकर यह मुकाम हासिल किया। उनकी कंपनी में बना पैकेज्ड फूड विदेशों में भी पॉपुलर है। कंपनी ने हाल ही में अपना नया प्रोडक्ट वड़ा मेकर मार्केट में उतारा है, जो पॉपुलर हो गया है। 


कंपनी रेडी टू कुक और रेडी टू यूज खाने सेल करती है। कंपनी ने वड़ा पाव मेकर मार्केट में उतारा है। इसके लिए खास तरह का पैकेट तैयार किया गया है, जिसे दबाने पर आसानी से वड़ा का शेप बन जाता है, जिसे बस फ्राई करना होता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी का कहना है कि वड़ा मेकर की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। अभी यह सिर्फ 8500 स्टोर पर मिल रहा है, जिसे कंपनी के नेटवर्क में शामिल सभी 8500 स्टोर पर सेल करने की प्लानिंग है। कंपनी ने इसके पेटेंट भी फाइल किया है। कंपनी का मानना है कि इस प्रोडक्ट के जरिए बैटर इंडस्ट्री में एक अलग मुकाम हासिल किया जा सकता है।


आगे पढ़ें, मजदूर के बेटे ने कैसे हासिल किया यह मुकाम ...........


मजदूरी करने से लगा डर पीसी मुस्तफा केरल के एक छोटे से गांव में पले बढ़े हैं। उनके पिता अहमद कॉफी के बागान में मजदूरी करते थे। वह मुस्तफा को भी इसी बागान के काम में लगाना चाहते थे। मुस्तफा किसी भी कीमत पर मजदूर नहीं बनना चाहते थे। बस यहीं से उन्हें लगा कि पढ़ लिखकर कुछ करना चाहिए। 12वी के बाद मुस्तफा ने इंजीनियरिंग का एंट्रेंस एग्जाम पास कर लिया। इंजीनियरिंग करने के बाद उनकी बंगलुरू में जॉब लगी। इसके बाद वह दुबई चले गए और सिटी बैंक ज्वॉइन किया। बाद में वापस आकर एमबीए करना शुरू किया। आया एक आइडिया मुस्तफा एक दिन किराना के दुकान पर गए थे, तो उन्होंने देखा कि कुछ महिलाएं इडली और डोसा बनाने के लिए आटे का घोल खरीद रही थीं। यहीं से उनके दिमाग में पैकेज्ड फूड का बिजनेस करने काआइडिया आया। 


आगे पढ़ें, कैसे बदल गई किस्मत ..........25 हजार से शुरू किया बिजनेस #शुरू में मुस्तफा ने 25 हजार रुपए लगाकर बिना केमिकल के आटे का घोल बनाकर बेचना शुरू किया। मुस्तफा ने आटे के घोल को पैक करके सैंपल के तौर पर खुद ही डिस्ट्रीब्यूट करना शुरू किया। 2008 में मुस्तफा ने किराए पर जगह लेकर बेस्ट फूड्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी की शुरुआत की। बाद में कंपनी का नाम बदलकर आईडी स्पेशल फूड्स प्राइवेट लिमिटेड किया। साल 2014 तक उनकी कंपनी में कर्मचारियों की संख्या 500 से ज्यादा हो गई। कंपनी आगे बढ़ी तो फाइनेंसर भी मिल गए। अब उनकी कंपनी में 1000 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं। उनका कारोबार बंगलुरू, मैसूर, मंगलौर, चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद, पुणे से लेकर शारजाह तक फैला हुआ है। वित्त वर्ष 2017-18 में कंपनी का टर्नओवर 182 करोड़ रुपए रहा है। 2020 तक इसे 400 करोड़ रुपए तक ले जाने का प्लान है।

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