Category : मनी टिप्स | Sub Category : बैंकिंग Posted on 2019-11-20 15:04:24
आरबीआई (RBI) ने बुधवार को कर्ज के बोझ तले दबे दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड डीएचएफएल (DHFL) को भंग कर दिया है और एक ऐडमिनिस्ट्रेटर यानी प्रशासक भी नियुक्त कर दिया है। केंद्रीय बैंक से मिली जानकारी के मुताबिक, वह जल्द ही डीएचएफएल (DHFL) के लिए दीवलिएपन की प्रक्रिया शुरू करने की सिफारिश करेगा।
DHFL को IBC के तहत NCLT में भेजेगा RBI
आरबीआई ने यह कार्रवाई कई पेमेंट डिफॉल्ट के बाद की है। निदेशक बोर्ड को भंग करने के बाद IOB के पूर्व एमडी और सीईओ को इसका प्रबंधक बनाया गया है। आरबीआई का कहना है कि DHFL को IBC के तहत NCLT में भेजा जाएगा।
आरबीआई के इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल है। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने ट्वीट किया कि यह काफी अच्छा हुआ है कि डीएचएफएल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को हटा दिया गया है और प्रशासक नियुक्त कर दिया गया है। यही सही समय है, जब दीवान ब्रदर्स को जेल में डाल दिया जाए। उन्होंने तमाम बैंकों, म्युचुअल फंड्स और पीएसयू को बेशर्मी से लूटा है।
केंद्रीय बैंक ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक कानून, 1934 की धारा 45-आईई (1) का उपयोग करते हुए दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड के निदेशक बोर्ड को भंग किया जाता है और एक प्रशासक की नियुक्ति की जाती है।
आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि डीएचएफएल द्वारा कई प्रशासनिक गड़बडि़यां करने और कई भुगतान देनदारियों में चूक करने की वजह से निदेशक मंडल को भंग करने का यह निर्णय लिया गया है। केंद्रीय बैंक ने बताया कि इंडियन ओवरसीज बैंक के पूर्व एमडी और सीईओ आर सुब्रामनियाकुमार को कानून की धारा 45-आईई(2) के तहत डीएचएफएल का प्रशासक नियुक्त किया गया है।
कंपनी पर 85 हजार करोड़ रुपये का कर्ज
बता दें कि पिछले बजट में सरकार ने आरबीआई को ये शक्तियां दे दी थीं कि वह प्रशासक नियुक्त कर सकता है। डीएचएफएल के पास सिर्फ बैंकों की ही 38 हज़ार करोड़ की उधारी है और 85 हज़ार करोड़ की कुल लायबिलिटी है।