Category : बड़ी खबर | Sub Category : नेशनल Posted on 2019-10-22 16:49:43
बेरोजगारी के मुद्दे पर आए दिन घिरती मोदी सरकार जल्द ही सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की परिभाषा बदलने जा रही है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार यानि आज ये अहम जानकरी मीडिया से साझा की है। गड़करी ने बताया कि पांच साल के इस कार्यकाल में एसएसएमई क्षेत्र में 5 करोड़ रोजगार मुहैया कराए जाएंगे। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते अगस्त माह में इस बात के संकेत दिए थे कि सरकार एमएसएमई में संशोधन कर सकती है जिसमें सभी क्षेत्रों के लिए परिभाषा मानक निर्धारित किए जा सकते हैं।
एमएसएमई कानून में संशोधन के जरिए बदलाव होगा- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की परिभाषा को बदलकर समूचे क्षेत्र के लिये टैक्सेशन, निवेश जैसे विभिन्न मामलों को ध्यान में रखते हुए एक परिभाषा बनाई जा सकती है। परिभाषा में यह संशोधन एमएसएमई कानून में संशोधन के जरिये किया जा सकता है। यह देश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस परिदृश्य को और बेहतर बनाने की दिशा में एक और कदम होगा।
बीते साल फरवरी में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने एमएसएमई वर्गीकरण के मानदंडों में बदलाव के लिये संशोधन को मंजूरी दी थी। यह बदलाव एमएसएमई के वर्गीकरण को संयंत्र एवं मशीनरी में निवेश राशि के बजाय उनके सालाना कारोबार के आधार पर किये जाने के बारे में किया गया था।
बता दें कि गडकरी ने कहा, हमारी एक बैठक होगी और उसके बाद एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव को अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि व्यापक बदलावों को जल्द ही किया जायेगा। एमएसएमई क्षेत्र को भारतीय अर्थव्यवस्था का ह्रदय माना गया है। सकल घरेलू उत्पाद में इसका 29 प्रतिशत योगदान है। अब तक इस क्षेत्र ने 11 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा किये हैं। मंत्री ने कहा कि अब हमारा लक्ष्य पांच साल के लिये यह है कि हम पांच करोड़ से अधिक रोजगार के और अवसर पैदा करेंगे। विशेषकर जनजातीय, ग्रामीण और कृषि क्षेत्र में यह अवसर पैदा किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार पहले से ही सौर वस्त्र योजना के तहत 13 शंकुलों को मंजूरी देने की प्रक्रिया में है। ऐसे प्रत्येक शंकुल में 3,000 से लेकर 3,500 रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।